जायफल भारत व अन्य देशों में आसानी से पाया जाने वाला एक तरह का मसाला है जो आसानी से हर जगह पर प्राप्त हो जाता है इसे मुख्य तौर पर मसालों की परिवार में रखा गया है ।पर इसका उपयोग मसालों के साथ -साथ ,पूजा हवन व ओषधि के रूप में भी किया जाता है वैसे यदि बात जावित्री या जायफल की की जाए तो बहुत से लोग मानना हैं। कि जायफल और जावित्री एक ही होते हैं। पर हम आप को बता दें कि दोनों अलग-अलग मसाले हैं। जायफल और जावित्री एक ही पेड़ से निकलते हैं। जायफल बीज होता है और इस के ऊपर के छिलके को जावित्री कहा जाता है। जायफल तेल का उपयोग कॉस्मेटिक और कई तरह की दवाओं में किया जाता है। वैसे जायफल सर्दियों के लिए बहुत उपयोगी है। आयुर्वेद मे जायफल का बहुत महत्व है। इसके उपयोग से आपकी पेट संबंधी और त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर रखने में भी मदद मिलती है।
आइये जानते है की जायफल के बेहतरीन फायदे कौन -कौन से है –
जायफल को पीसकर उसे पाउडर की तरह बनाकर और इसे पानी में आधे चम्मच तक मिलाकर काढ़े की तरह बनाकर यदि कुल्ला किया जाए ।तो मुह के छाले ठीक हो जातें है और होने वाले दर्द में भी बहुत आराम मिलता है ।
जायफल को घिसकर उसे कच्चे दूध में थोड़ी सी मात्रा में मिलाकर रात को सोने से पहले चेहरे पर लगायें और उसे रात भर ऐसे ही रहने दें ।और सुबह उसे पानी से धुल दें पर ध्यान रहे ।की सफ्ताह में इसे दो बार उपयोग करें। ऐसा करने से चेहरे के मुहांसे कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाते है और चहरे के दाग -धब्बे भी समाप्त हो जाते है ।
यदि प्रतिदिन सुबह शाम जायफल के चूर्ण को एक चम्मच शहद के साथ सेवन किया जाए तो भूख न लगने की समस्या समाप्त हो जाती है और भूख लगनी प्रारंभ हो जाती है। और यह भूख को बढाने में भी मदद करता है ।
यदि जायफल को कुछ मात्रा में पानी के साथ पीसकर यदि इसे कान के आसपास लगाया जाए तो कान में होने वाली सूजन दूर हो जाती है।और कान के फोड़े -फुंसियों में भी आराम पहुचता है तथा होने वाले भयकर दर्द में भी आराम मिलता है।
जायफल को चूर्ण की तरह पीसकर इसके चूर्ण को शहद के साथ नित्य सेवन करने से ह्रदय मज़बूत होता है। तथा यह पेट को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है। जो शरीर के बहुत लाभकारी है ।
यदि प्रतिदिन कुछ मात्रा में नीबू के रस में जायफल को घिसकर सुबह-शाम भोजन के बाद इसका सेवन किया जाए। तो पेट की गैस और कब्ज की तकलीफ दूर होती है।और पाचनतंत्र को मजबूत करने में मदद करता है और पेट को भी स्वस्थ रखता है ।
प्रतिदिन जायफल के पाउडर को लौंग के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर इसे काढ़े की तरह पकाकर बनाकर सेवन करने से गठिया का दर्द दूर होता है।तथा जोड़ों आदि पर जायफल के तेल से मालिश करने से गठिया के रोगी को आराम मिलता है। तथा जोड़ों आदि का दर्द समाप्त हो जाता है ।